बैंगन में व्हायरस का प्रकोप दिखाई दे रहा है, इस समय जैविक दवाईसे फसल मे आई हुवे रोग का निवारण नही हो पायेगा. क्योंकी संक्रमण ज्यादा हि दिखाई दे रहा है.
बैंगन में चूसने वाले कीटों का प्रबंधन करने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:
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नियंत्रित किस्में उगाएं: उन किस्मों का चयन करें जो कीट प्रतिरोधी होती हैं।
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फसल चक्र: बैंगन की फसल को अन्य फसलों के साथ चक्र में उगाएं ताकि कीटों की आबादी नियंत्रित रहे।
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पैदावार की समय सीमा: बैंगन की बुवाई और कटाई का समय इस प्रकार निर्धारित करें कि कीटों का प्रकोप कम हो।
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प्राकृतिक दुश्मनों का उपयोग: लेडीबर्ड बीटल, परजीवी ततैया और मकड़ियों जैसे प्राकृतिक शिकारियों को संरक्षण दें जो चूसने वाले कीटों को नियंत्रित कर सकते हैं।
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जैविक कीटनाशकों का प्रयोग: नीम का तेल या नीम आधारित कीटनाशक, बायोपेस्टिसाइड्स जैसे बेकिलस थुरिंजियन्सिस का छिड़काव करें।
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रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग: यदि जैविक उपाय प्रभावी नहीं हों, तो इमिडाक्लोप्रिड, एसिटामिप्रिड, या थायोमेथोक्साम जैसे रासायनिक कीटनाशकों का सावधानीपूर्वक उपयोग करें। रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग करते समय, निर्देशों का पालन करना महत्वपूर्ण है।
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सफाई और रखरखाव: खेत में साफ-सफाई रखें और गिरे हुए पत्तों और फलों को हटाएं ताकि कीटों के अंडे और लार्वा नष्ट हो सकें।
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**फेरोमोन ट्रैप्स/स्टिकी ट्रैप्स **: इन ट्रैप्स का उपयोग कीटों को आकर्षित करने और पकड़ने के लिए करें।
इन उपायों का संयोजन बैंगन की फसल में चूसने वाले कीटों का प्रभावी प्रबंधन सुनिश्चित कर सकता है।
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