धान में पोंगा है

धान में पोंगा बीमारी का उपचार और किस कारण से होता है

धान का तना छेदक कीटक है.
इस कीट की सूड़ी अवस्था ही क्षतिकर होती है. सर्व प्रथम अंडे से निकलने के बाद सूड़ियॉ मध्य कलिकाओं की पत्तियों में छेदकर अन्दर घुस जाती है तथा अन्दर ही अन्दर तने को खाती हुई गांठ तक चली जाती हैं. पौधों की बढ़वार की अवस्था में प्रकोप होने पर बालियाँ नहीं निकलती है. बाली वाली अवस्था में प्रकोप होने पर बालियाँ सूखकर सफ़ेद हो जाती हैं तथा दाने नहीं बनते हैं.

धान का तना छेदक कीटक नियंत्रित के लिये ईमामेक्टीन बेनझोइट ५ %SG (स्टारक्लेम, प्रोक्लेम, मिसाईल )@५ ग्रॅम/१० लिटर पाणी मे घुलाकर छीडकाव करे.