तरबूज की खेती कैसे करें
आपकी मिट्टी कैसे है, मिट्टी की उपज को लेकरं जाणकारी दी जायेगी.
काली मिट्टी है
तरबूज कि खेती कैसी करे.
तापमान : बीजों के अंकुरण के लिये 22-25 डी०से०ग्रेड तापमान सर्वोत्तम है तथा सन्तोषजनक अंकुरण होता है.
खेत कि तैयारी: तरबूजे के लिए रेतीली तथा रेतीली दोमट भूमि सबसे अच्छी होती है. भूमि का पी. एच. मान 5.5-7.0 के बीच होना चाहिए ।भूमि की तैयारी की आवश्यकता अनुसार जुताई कराकर खेत को ठीक प्रकार से तैयार कर लेना चाहिए तथा साथ-साथ छोटी-छोटी क्यारियां बना लेनी उचित रहती हैं । भारी मिट्टी को ढेले रहित कर बोना चाहिए
खाद एवं उर्वरक:
तरबूजे को खाद की आवश्यकता पड़ती है । गोबर की खाद 20-25 ट्रौली को रेतीली भूमि में भली-भांति मिला देना चाहिए । यह खाद क्यारियों में डालकर भूमि तैयारी के समय मिला देना चाहिए । 80 कि.ग्रा. नत्रजन प्रति हैक्टर देना चाहिए तथा फास्फेट व पोटाश की मात्रा 60-60 कि.ग्रा. प्रति हैक्टर की दर से देनी चाहिए । फास्फेट व पोटाश तथा नत्रजन की आधी मात्रा को भूमि की तैयारी के समय मिलाना चाहिए तथा शेष नत्रजन की मात्रा को बुवाई के 25-30 दिन के बाद देना चाहिए ।
उन्नतशील जातियां : बाहुबली,सुगरबेबी,मेलोडी अर्का ज्योति, पूसा रसाल, कटागोलास आदि जातियां अच्छी उपज देती है ।
बुवाई का समय: फरवरी से मार्च तक
बीज कि मात्रा: ३ से ४ किलो/हेक्टर
दुरी: लम्बी जाति बढ़ने वाली के लिए 3 मी. कतारों की दूरी रखते हैं तथा थामरों की आपस की दूरी 1 मीटर रखते हैं. बुवाई के समय बीज कि गहराई 4-5 सेमी. से अधिक नहीं रखनी चाहिए.
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badhiya Sachin sir